Akola's new SP Archit Chandak:अकोला पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव: अर्चित चांडक बने नए एसपी, बच्चन सिंह का नागपुर तबादला
अकोला में पुलिस प्रशासन में बड़ा फेरबदल किया गया है। अर्चित चांडक को अकोला के नए जिला पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। वहीं, मौजूदा एसपी बच्चन सिंह का तबादला "राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) समूह क्रमांक 4, नागपुर" में कमांडिंग ऑफिसर के पद पर किया गया है। यह बदलाव कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अकोला में पिछले एक वर्ष से विवादों में रहे जिला पुलिस अधीक्षक बच्चन सिंह का तबादला नागपुर के राज्य रिजर्व पुलिस बल समूह क्रमांक 4 में कर दिया गया है। उनकी जगह नागपुर शहर पुलिस आयुक्तालय में उपायुक्त पद पर कार्यरत अर्चित चांडक की नियुक्ति अकोला के नए जिला पुलिस अधीक्षक के रूप में की गई है।
वहीं, प्रोबेशन काल के दौरान अकोला जिले के अकोट उपविभाग में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवा दे चुकीं और वर्तमान में सातारा में अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत रितु खोखर को धाराशिव जिले की पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है।
नुतन एसपी अर्चित चांडक के बारे मे विशेष जानकारी
राज्य सरकार ने पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल करते हुए नागपुर शहर के पुलिस उपायुक्त अर्चित चांडक को अकोला के नए पुलिस अधीक्षक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। अकोला में अब तक एसपी का पदभार संभाल रहे पुलिस अधीक्षक बच्चन सिंह का तबादला समादेशक, रा.रा. पुलिस बल, गुट क्र. ४ नागपुर में कर दिया गया है। अकोला को अब एक युवा, ऊर्जावान और शिक्षाविद् पुलिस अधिकारी मिला है, जिससे जिले में कानून व्यवस्था और सुदृढ़ होने की उम्मीद जगी है।
अकोला के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक का जन्म नागपुर में हुआ। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा भवन के बीपी विद्या मंदिर से प्राप्त की। मेधावी छात्र रहे अर्चित ने इसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दिल्ली का रुख किया।
अर्चित २०१२ की प्रतिष्ठित जेईई परीक्षा के शहर टॉपर रह चुके हैं, जो उनकी कुशाग्र बुद्धि का परिचायक है। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। अपनी इंटर्नशिप के दौरान ही उन्हें एक जापानी कंपनी से ३५ लाख रुपये का शानदार पैकेज ऑफर हुआ था। हालांकि, उनका लक्ष्य हमेशा से देश सेवा करना था और वे एक सरकारी कर्मचारी बनकर अपना योगदान देना चाहते थे।
कॉर्पोरेट जगत के इतने आकर्षक ऑफर को ठुकराकर अर्चित ने २०१६ में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उनकी मेहनत और लगन का परिणाम यह रहा कि २०१८ में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) १८४ हासिल कर आईपीएस बनने का सपना पूरा किया। यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करना आसान नहीं होता, लेकिन अर्चित चांडक ने अपनी प्रतिभा और समर्पण से यह कर दिखाया।
अर्चित चांडक बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्हें शतरंज का शौक है और उनकी फाइड रेटिंग १,८२० है। वे अपनी फिटनेस का भी विशेष ध्यान रखते हैं और ४२ किलोमीटर की मुंबई मैराथन भी पूरी कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी अर्चित काफी सक्रिय रहते हैं और अपनी व्यक्तिगत व पेशेवर जीवन से जुड़ी तस्वीरें साझा करते रहते हैं।आईपीएस अर्चित चांडक ने आईएएस सौम्या शर्मा से विवाह किया है, जो वर्तमान में जिला परिषद नागपुर में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में कार्यरत हैं। यह दिलचस्प है कि सौम्या शर्मा ने भी मात्र ४ महीने की तैयारी में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की थी, जो उनकी असाधारण क्षमता को दर्शाता है। अकोला जिले को अर्चित चांडक के रूप में एक युवा, शिक्षित और अनुभवी पुलिस अधीक्षक मिला है। उनके आने से जिले में अपराध नियंत्रण और जनहितैषी पुलिसिंग को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
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