कोरोना से बेसहारा हुये बालको के पुनर्वसन हेतू आगे आयी उत्कर्ष शिशु संस्था एवं गायत्री बालिकाश्रम
अकोला...जिले मे बढते कोरोना महामारी से अनेक परिवार संक्रमित होकर दुनिया से विदा चुके हैं.ऐसें गंभीर संकट मे निधन हूये परिवारो के बच्चे अनाथ होकर बेसहारा हुये हैं. ऐसे बालक एवं बालिकाओ को उत्कर्ष शिशुगृह एवं गायत्री बालिकाश्रम संस्था अधिग्रहित कर उनका संवर्धन करेगी.जिले मे करोना महामारी से अनेक मरीजो की मृत्यू हुयी हैं.जिससे घर के बालक एवं बालिकाये अनाथ एवं बेसहारा हुये.इस संदर्भ मे जिला प्रशासन ने टास्क फोर्स गठित कर बेसहारा बालको को संरक्षण देने का निर्णय लिया है.उत्कर्ष शिशुगृह एवं गायत्री बालिकाश्रमने भी निश्चय किया है कि, ऐसे अनाथ हुए सभी बालक,बालिकाओ को शासन के साथ मिलकर उनके उज्ज्वल भविष्य को संवारने में हर प्रकार की मदद देंगी.संस्था ने जिलाधिकारी को निवेदन प्रस्तुत कर बेसहारा हुये बालक एवं बालिकाओ का संगोपन एवं पुनर्वसन की इजाजत मांगकर सेवा देंने का आश्वासन दिया हैं. जिले के 0 से 6 वर्ष तक के बालक,बालिकाये एवं वर्ष 7 से 18 वर्ष तक की बालिकाओ के संगोपन एवं पुनर्वसन की सम्पूर्ण जवाबदारी मलकापुर स्थित उत्कर्ष शिशुगृह एवं गायत्री बालिकाश्रम लेगी. उत्कर्ष शिशुगृह पिछले 10 वर्षों से आकोला और वाशिम जिले में अनाथ बालक,बालिकाओ लिए कार्य कर रहा है.तथा
गायत्री बालिकाश्रम भी उम्र 7 से 18 तक के निराधार बालिकाओ के लिए विगत ६ वर्ष से कार्य कर रही है.
संगोपन एव पुनर्वसन का दीर्घ अनुभव होने से उक्त संस्था कोविड मे निराधार हुये बालक एवं बालिकाओ का सुचारू रूप से संगोपन करेगी.अभिभावक एवं समाज के सभी नागरिक वर्ग ने इस सामाजिक सेवा यज्ञ मे सहयोग करने का आवाहन उत्कर्ष शिशूगृह के अध्यक्ष विजय जानी,गायत्री बालिकाश्रम के अध्यक्ष दादा पंत, संस्था के सचिव गणेश काळकर,कोषाध्यक्ष हेमंत चौधरी,विश्वस्त मंगेश दीक्षित, राहुल महाशब्दे, गायत्री बालिकाश्रम के सह सचिव सुधाकर गीते, विश्वस्त सौ मीरा जोशी,श्रीमती अश्विनी सुजदेकर, श्रीमती स्नेहा चिंचवडकर आदी ने किया.
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