कर्नाटक मे हिजाब पहनने पर कॉलेज द्वारा छात्रा को प्रवेश ना देना संविधान के खिलाफ
एमडीपी ने पत्र परिषद मे दी जानकारी
अकोला-कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं द्वारा अपनी संस्कृति व इस्लाम द्वारा दिए गए शिक्षाओं का पालन करते हुए पर्दे के रूप में हिजाब पहनकर जब कॉलेज पहुंची तो संबंधित कॉलेज द्वारा उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। इस्लाम धर्म में हिजाब यह महिलाओं का अविभाज्य हिस्सा है और हिजाब पहनने का अधिकार कोई छीन नहीं सीख सकता। भारतीय संविधान की कलम 25 अनुसार प्रदान किए गए अधिकार अनुसार मुस्लिम महिला हिजाब पहनती है। भारत मे मुस्लिम समाज के साथ अन्य समाज की महिलाएं भी संस्कृति का पालन करते हुए घुंघट जैसी पद्धतियों का अवलंब करके हुए दिखाई देती है। भारतीय धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां पर हर नागरिक को लोकशाही अनुसार जीने का हक प्राप्त है।
उसी प्रकार मुस्लिम महिलाएं भी हिजाब पहन के समाज में रहकर कार्य करने व शिक्षा लेने का अधिकार रखती है। यह पूरी प्रक्रिया राजकीय उद्देश्य से प्रेरित है। इन प्रकार के विषयों को उठाकर जनता की मूलभूत समस्याओं को किनारे किया जा रहा है। ऐसे आरोप पत्रकार परिषद में माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद तौफीक पटेल ने लगाए हैं। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि जनता के मूलभूत समस्या जैसे कोविड-19, लॉकडाउन, बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, बढ़ते इंधन के दाम, अर्थव्यवस्था आदि से ध्यान हटाने के लिए राजकीय खेल खेला जा रहा है। भारत की एकात्मता और सामाजिक सलोखें पर विपरीत परिणाम इसका होंगा। हमें भारतीय संविधान भारत की लोकशाही पर विश्वास है। उपरोक्त प्रकरण में तत्काल हस्तक्षेप लेकर कार्रवाई की जाए और मुस्लिम युवती वह महिलाओं को हिजाब और व्यक्ति स्वतंत्र का अधिकार जो संविधान ने दिया है उसे किसी भी प्रकार की आच ना आनी चाहिए, भारतीय लोकशाही को मजबूत करें ऐसी मांग इस वक्त सरकार से की गई। पत्रकार परिषद से पहले पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री को जिलाधिकारी मार्फत एक ज्ञापन भी सौंपा गया।पत्रकार परिषद में मोहम्मद तौफीक पटेल महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय प्रवक्ता एमडीपी, मोहम्मद आकिफ खान अकोला जिला अध्यक्ष, मोहम्मद साहिल रजवि, सैयद सद्दाम अली, फैजान रब्बानी आदि प्रमुखता से उपस्थित थे।
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