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Commendable decision taken in Islahe Muashara Conference,Will not teach Nikah if DJ or band plays:इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस में लिया गया सरहनीय निर्णय

Commendable decision taken in Islahe Muashara Conference,Will not teach Nikah if DJ or band plays:इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस में लिया गया सरहनीय निर्णय

डीजे, बैंड-बाजा बजा तो नहीं पढ़ाएंगे निकाह 
अकोला- शहर के नायगांव परिसर में  एकदिवसीय इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस (इज्तेमा) का आयोजन किया गया था। जिसमें मोहम्मद अहमद नक्शबंदी साहब हैदराबाद से विशेष रूप से उपस्थित थे। जिसमें अकोला ही नहीं आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। जो अकोला शहर के इतिहास में एक नया अध्याय साबित हुआ है। नायगांव के शाहनवाज मस्जिद के वरिष्ठ इमाम मौलाना यूनुस साहब  जो विगत 32 सालों से अपनी सेवा दे रहे हैं, इस तरह सरफराज अत्तारी फातिमा मस्जिद, हाफिज मोहम्मद सादीक इमाम नगीना मस्जिद, मौलाना अतिक साहब गौसिया मस्जिद, मौलाना महमूद साहब मोहम्मदिया मस्जिद, हाफिज इस्लामुद्दीन इनके द्वारा नायगांव परिसर के सभी जमातो के इमाम, ट्रस्टीयों की हामी के बाद  इस कांफ्रेंस के माध्यम से एक सराहनीय पहल करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि, जीस शादी में, डीजे, बैंड, बाजा वह गैर शराई काम जैसे डांस वगैरह होते हो उसमें इमाम साहब (काजी) निकाह नहीं पढ़ाएंगे। यह निर्णय केवल अभी नायगांव के लिए ही लिया गया है। इसकी घोषणा इज्तेमा में पहुंचे मुफ्ती ए आज़म अकोला मौलाना गुलाम मुस्तफा साहब रिजवानी ने की।आपको बता दे की इस्लाम में पहले ही शादी को सादगी से वह आसानी के साथ मनाने का हुक्म दिया गया है। किंतु नागरिक फिजूल खर्ची करके अपना समय तथा पैसों की बर्बादी करते हैं जो इस्लाम के खिलाफ है। 
उसी तरह डीजे  बैंड बाजा वगैरा  बजाना  हराम है फिर भी इसका उपयोग होते हुए मुस्लिम समुदाय में दिखाई देता है जिसको लेकर नायगांव से एक बड़ी पहल की गई है जिसकी सभी और सरहाना की जा रही है। इसका ऐलान कल अकोला में हुई एकदिवसीय इस्लाहे मुआशरा  कांफ्रेंस के माध्यम से कीया गया। जिसमें यह भी बताया गया कि आगे चलकर इस प्रक्रिया को पूरा अकोला शहर में अमल में लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद  इज्तेमा में मौजूद जन समुदाय ने अपने हाथ उठाकर अपना समर्थन दर्शाया। 
लिया गया निर्णय यह अकोला जिले के लिए एक सराहनीय उपक्रम होने का तथा सभी ने इसको अमल लाने का आवाहन भी इस दौरान किया गया। इस निर्णय का ऐलान मुफ्ती ए आज़म अकोला हजरत गुलाम मुस्तफा साहब रिजवानी ने किया। इस वक्त मंच पर बड़ी संख्या में उल्मा इकराम तथा हैदराबाद से पहुंचे हजरत मौलाना मोहम्मद अहमद नक्शबंदी साहब की विशेष उपस्थिति थी, उसी तरह मौलाना यूनुस साहब, मौलाना शाहनवाज जुल्फिकारी, मौलाना शामी साहब, मौलाना साजिद नूरी, हाफिज अयूब साहब आदि की प्रमुखता से उपस्थित थी।


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