करोना संकट मे अधिवक्ता वर्ग को पाच सौ करोड का पॅकेज देने की बार असो.की मांग
अकोला-विगत वर्ष से कोरोना संकट से उत्पन्न हुये लॉकडाऊन से सभी क्षेत्र का रोजगार एव व्यवसाय प्रभावित हूवा हैं.सभी क्षेत्र के वर्ग पर इससे आर्थिक संकट निर्माण हुवा हैं. इस लॉकडाऊन का भीषण परिणाम न्यायालयीन सेवा मे लिप्त अधिवक्ता वर्ग पर भी हुवा हैं.न्यायालयीन कामकाज बंद होने से वकील वर्ग पर आर्थिक संकट निर्माण हुवा हैं.अधिवक्ता यह सिर्फ अपनी वकालत करके ही अपना जीवन व्यतीत करता है.अधिवक्ता के पास वकीली व्यवसाय के अतिरिक्त और किसी भी प्रकार का कोई उत्पन्न नही है. कामकाज बंद होने से उनपर बेकारी निर्माण हुयी हैं.इसलिये शासन ने अधिवक्ता वर्ग के जिवनयापन हेतू बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा को पाचसौ करोड का निधी बहाल करने की मांग अकोला बार असो.ने पालकमंत्री बचूभाउ कडू को निवेदन देकर की है.बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा ने अभी तक अधिवक्ताओं की सहायता की है.परंतु संपूर्ण महाराष्ट्र एवं गोवा के अधिवक्ताओं का आर्थिक रूप से मदद करना बार कौंसिल को भी संभव नहीं है. इसलिए शासन ने हर वर्ग के पॅकेज अनुसार अधिवक्ता वर्ग को भी कौन्सिल द्वारा पॅकेज बहाल कर उन्हे सहयोग करने की अपील निवेदन मे की गयी.अकोला न्यायालय के कुछ अधिवक्ताओ एवं कर्मचारियों की कोरोना से मृत्यू हुई है.इसलिये सभी अधिवक्ताओ को लसीकरण मोहीम द्वारा लसीकरण करने हेतू शिबिर आयोजित करने हेतू संसाधन मुहय्या करने की बात भी निवेदन मे कही हैं. बार एसो.विगत दो माह से जिलाधिकारी को इस संदर्भ मे ज्ञापन दे रहा हैं. किंतू अबतक इसपर अमल नही किया गया.शासन ने जल्द अधिवक्ताओं के लिए लस उपलब्ध करवाकर तथा लसीकरण हेतु शिबिर आयोजित करने की इजाजत देने की बात भी निवदेन कही गयी. इस अवसरपर बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एवं गोवा के पूर्व अध्यक्ष तथा सदस्य अँड.मोतीसिंह मोहता,बार एसो. के अध्यक्ष अँड.राजेश जाधव,उपाध्यक्ष अँड.अनूप देशमुख, महिला उपाध्यक्ष अँड.संगीता भाकरे ,वरिष्ठ सचिव अँड.सौरभ शर्मा,सचिव अँड.पीयूष देशमुख, समेत सचिव अँड.धीरज शुक्ला ,अँड.विजय मुरई, अँड.शिवम शर्मा आदीं उपस्थित थे.
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