मनापा शाला क्रमांक 7 की जर्जर इमारत ढही..!
अकोला- स्थानीय प्रभाग क्रमांक 1 नायगांव में स्थित मनापा उर्दू शाला क्रमांक 7 की इमारत जो जर्जर हो चुकी थी। उसने आज अपना दम तोड़ ही दिया। गनीमत रही के इसमें किसी भी प्रकार की जीवित हानि नहीं हुई और कोरोना काल के कारण शाला यह बंद होने से बच्चों को छुट्टियां थी वरना बड़ा हादसा हो सकता था। इस संबंध में स्थानीय पार्षद अजरा नसरीन मकसूद खान ने कुछ दिनों पहले एक शिकायत भी मनापा आयुक्त को की थी। किंतु उन्होंने इस ओर गंभीरता से नहीं देखा। आपको बता दें कि इस शाला में कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। जिसमें छात्रों की संख्या 500 के ऊपर है।
उसी तरह बालवाड़ी की छात्रों की संख्या भी 150 है। हर साल शालाकी छात्र संख्या में वृद्धि हो रही है किंतु शाला में ऐसी कई खोलिया है जो क्षतिग्रस्त हो गई है। यह तो कुछ भी नहीं है अगर शाला की खोलियों के भीतर हम प्रवेश करते है तो ऊपर से छतका मलबा हमारे शरीर पर गिरता है। अगर समय रहते इस इमारत की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण नहीं किया गया तो बड़ी दुर्घटना का सामना हमको करना पड़ सकता है। ऐसी चर्चाएं नागरिक कर रहे थे। क्योंकि अब कोरोनावायरस का खतरा भी कम हो गया है तथा सरकार कभी भी शालाओं को खोल सकती है अगर इस प्रकार की इमारत में छात्र शिक्षा लेने आए तो उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा हासिल करनी होंगी।
स्थानीय नागरिक तथा शाला में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक मनापा प्रशासन से एवं शिक्षा शिक्षा विभाग से तत्काल शाला का पुनर्निर्माण करने की मांग कर रहे हैं अगर इस शाला का पुनर्निर्माण नहीं किया गया तो उनके बच्चों की जान को खतरा है। ऐसा भी कुछ पालको का कहना है। तथा पालकों का कहना है कि क्या मनाबा को किसी की जान जाने के बाद हो जाएगा अगर होश आ गया हो तो वह तत्काल छाला की मरम्मत करें ऐसी मांग स्थानीय नागरिक कर रहे हैं।
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