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नगर विकास मंत्रालय का आदेश: 139 एवं 20 विवादित ठहराव पड़े भारी.....महापौर, आयुक्त, सभापति व नगर सचिव पर कार्रवाई के आदेश......2 जुलाई से 2 सितंबर के बिच 3 माह में 20 ठहराव आखिर विखंडित

नगर विकास मंत्रालय का आदेश: 139 एवं 20 विवादित ठहराव पड़े भारी

महापौर, आयुक्त, सभापति व नगर सचिव पर कार्रवाई के आदेश

2 जुलाई से 2 सितंबर के बिच 3 माह में 20 ठहराव आखिर विखंडित
अकोला-महानगर पालिका में लगातार सैकड़ों बोगस ठहराव लेना व आर्थिक हित को बाधा पहुंचाने के विवादित आरोप जांच में सामने आने से महाराष्ट्र सरकार के नगर विकास मंत्रालय ने अकोला महानगरपालिका के तत्कालीन महापौर, आयुक्त, स्थाई समिति सभापति और नगर सचिव पर अपराध दर्ज करने के आदेश अकोला मनापा  में पहुंचा हैं।  139 और 20 ऐसे कुल 159 विवादित ठहरा़व प्रकरण में पुलिस कार्रवाई शुरू होने से महानगर पालिका में हलचल सी मच गई है। 14 दिसंबर मंगलवार को आदेश की अमल बारी  शुरू हो गई है महापालिका कार्यालय और सिटी कोतवाली कार्यालय में इसके संबंध में गतिविधियां बढ़ी है। आपको बता दें कि अकोला महानगरपालिका 2 जुलाई 2020 की आम सभा में पारित किए गए ठहराव क्रमांक 6 से 22 और दिनांक 2 सितंबर 2020 को स्थाई समिति की सभा में पारित किए गए ठहराव क्रमांक 5 से 8 यह महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम कलम 451 (3) अनुसार अंतिम: किए गए हैं सरकार नियम अनुसार अभीवेदन का अवसर दिया गया था। उसके संदर्भ अनुसार 03,04,05 यहां के पत्र अनुसार  महापौर, स्थाई समिति सभापति, आयुक्त के अभीवेदन प्राप्त हुए। अभिवेदन स्वीकार  ना होने से 2 जुलाई के 17, 2 सितंबर के 3 ऐसे तीन महीनों में 20 ठहराव विखंडित हुए हैं। महानगर पालिका आर्थिक हित को बाधा पहुंचने का प्रथम दर्शनी दिखाई दे रहा है। जांच में अधोरखित  हुआ है जिसके चलते ठहराव पारित करने वाले तत्कालीन महापौर, आयुक्त स्थाई समिति सभापति, नगर सचिव,   के विरोध में आर्थिक अनियमितता के चलते उन पर अपराध दर्ज करने की कार्रवाई करना आवश्यक है ऐसा आदेश में कहा गया है। एक ही समय दो आदेश निकलने से बुधवार को अकोला महाधगर पालिका में हलचल मच गई।

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