किसी भी धर्म पर गुस्ताखी करने वाले के खिलाफ बने सख्त कानून- मुफ्ती अब्दुल रशीद साहब
अकोला-कई दिनो से हमारे मुल्क हिंदुस्तान मे आये दिन इस्लाम और मुसलमानों के पैग़म्बर हुज़ूर मोहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम व साहेबे क़ुरान और हदीस और इस्लाम को निशाना बनाने का सिलसिला जारी है, जबके इस्लाम एक सच्चा मज़हब है जिसका दहशत-गर्द शिद्दत पसंद का दूर से भी ताल्लुक़ नहीं है। कुछ शरारती तत्व के शर लोग ही चाहते है किसी तरीक़े से मुल्क भर मे अफ़रा तफ़री का माहोल पैदा किया जाये और मुल्क के अमन ओ अमान को बर्बाद किया जाए। किंतु हम ऐसा नहीं होने देंगे ऐसा इस वक्त मुफ्ती आजम बरार ने कहा। हर सूरत मे नमुस ए रिसालत की हिफ़ाज़त के लिये हमें हर वक्त तय्यार रहना चाहिए, जान ओ माल की क़ुर्बानी देने की ज़रूरत पड़ी तो हम उससे भी पीछे नहीं हटेंगे। नमुस ए रिसलत की हिफ़ाज़त ही हमारा दीन ओ ईमान है, उन्होंने इस वक्त हुकूमत ए हिंद से अपील की है के ऐसा क़ानून बनाया जाए जो किसी भी मज़हब के रहनुमा की शान मे गुस्तखि कारेंगा उस कि ख़िलाफ़ सख़्त करवाई की जायेंगी। तमाम आइम्मा ए मसजिद और दीगर आइम्मा ए इकराम से अपील है कि हर जुम्मा मे और अपने हर प्रोग्राम मे नमुस ए रिसालत पर भी ज़ोरदार बयान दिया करे, ताके अवाम बेदार रहे, और दुश्मनाने दीनो-इस्लाम से होश्यार रहे.
वक्त आने पर हर क़ुर्बानी के लिए तय्यार रहे। मुफ़्ती ए आज़म बरार मुफ़्ती अब्दुल रशीद सहाब और तमाम उलमा ए अहले सुन्नत अकोला कि इस वक्त उपस्थिति थी जिसमें मौलाना गुलाम मुस्तफा साहब, मौलाना आरिफ़ सहाब, मौलाना साय्याद शहनवाज़ सहाब, हाफिज मकसूद साहब, मौलाना फ़िरोज़ सहाब, हाजी शम्स तबरेज साहब,हाजी मुदाम साहब,
हाजी नईम शेख़, और तमाम उलमा ए अहले सुन्नत अकोला मौजूद थे।
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