Akola Kawad Utsav: हर हर महादेव के नारे से गुंज उठी अकोला नगरी
अकोला - विगत २ सालो से कोरोना लॉकडाउन के कारण अकोला का ऐतिहासीक कावड महोत्सव मनाया नही जा रहा था। विंâतू इसबार सभी पाबंदीयां हट जाने के बाद शिवभक्तो मे खासा उत्साह देखने को मिला। ढोल नगारो की आवाज, वंâदे पर पूर्णा नदी का पवित्र जल भरकर निकली कावड, पैदल करीब २० किलो मिटर का अंतर पार करने के बाद भी शिवभक्तों के चेहरे पर प्रसन्नता और उत्साह तथा मुह निकलने वाले हर हर महादेव के नारो से व गुलाल, पुâलो की उधळण ऐसे प्रसन्न आणि आनंदी वातावरण मे अकोला के राज राजेश्वर कावड महोत्सव भक्ती और श्रद्धा इनका अपूर्व संगम सोमवारी को देखने को मिला।
अकोला शहर के राजराजेश्वर मंदिर मे हरसाल बडी मात्रा श्रावण उत्सव मनाया जाता है। श्रावण के हर सोमवार को शिवभक्त बडी श्रध्दा के साथ जलाभिषेक करते है। श्रावण के अंतिम सोमवार २० कि.मी. अंतर पर रहनेवाले गांधीग्राम (वाघोली) से पूर्णा नदी का पाणी कावड से लाकर राजराजेश्वर को जलाभिषेक किया जाता है। लगभग ७० से ८० वर्षाे की परंपरा इसके पिछे है।
हर हर महादेव के नारे के साथ राजराजेश्वर को हजारो शिवभक्त कावडधारी मंडल के साथ युवाओं ने जलाभिषेक किया। पालखी-कावड उत्सव देखने के लिए भक्तो की बडी गदी उमड पडी थी। कावड यात्रा मार्ग को यात्रा का स्वरूप आ गया था। सैकडो पालखीयां एवं कावडधारी छोटे- बडे मंडल इस उत्सव मे सहभागी हुए थे।
गांधीग्राम से पैदल चलकर शिवभक्त खंदो पर शिवशंकर की पालखी व कावड लेकर वल्लभनगर, उगवा फाटा, शिलोडा, आकोट फैल, रेल्वे पुल होते हुए शिवाजी पार्क, राजकमल चौक, गवलीपुरा, अकोट स्टँड, मालीपुरा चौक, उदय टॉकीज, जुना कपडा बाजार, सराफा बाजार, दाणा बाजार, गांधी चौक, गांधी मार्ग, सिटी कोतवाली चौक, लोहा पूल, जय हिंद चौक के रास्त यह सभी पालखींयां व कावड राजेश्वर मंदिर मे पहुंची। शिवभक्तों ने राजेश्वर को जलाभिषेक एक-एक करके सभी मंडलो ने किया। देर रात तक जलाभिषेक शुरू था। कावड व पालखी लेकर पहुंचे शिवभक्तों ने श्रद्धापूर्वक राजेश्वर के दर्शन लेकर जलाभिषेक किया। कावड लेकर आनेवाले शिवभक्तो का जगह जगह पर स्वागत किया गया। कई सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने चाय, नाश्ता व भोजन का वितरण किया। राजनैतिक नेताओ द्वारा भी इसवक्त बडे उत्साह के साथ शिवभक्तो का स्वागत किया गया।
पुलिस का रहा तगडा बंदोबस्त
अकोला पुलिस ने कावडा उत्सव को सफल बनाने मे व कानून व्यवस्था कायम रहने हेतू तगडा बंदोबस्त रखा था। जगह जगह सिसिटीव्ही कॅमरो से पुरे जुलूस पर निगरानी रखी जा रही थी तो कही ड्रोन के माध्यम से नजर रखी जा रही थी।
उत्सव मे अकोला समेत बाहर से भी पुलिस बुलाई गई थी। उसी तरह जगह जगह बॅरीकेड्स लगाकर कावड मार्ग शिवभक्तो के लिए खुला कर दिया गया था। इसवक्त जिला पुलिस अधिक्षक जि श्रीधर संपूर्ण प्रक्रिया पर स्वयं नजर बनाए हुए थे।
महिलाओं की पालकी आकर्षण का केंद्र
श्रावण सोमवार की रेलचेल आज अकोला मे दिन भर देखने को मिली. इस साल कावड पालखी उत्सव बडे धूमधाम से अकोला शहर मे मनाया गया. इस दौरान महिला कावड आकर्षक रही, लगभग महिलायोकी दस कावड का आयोजन किया गया था. सभी महिलाये गांधीग्राम से राज- राजेश्वर पर जल अभिषेक करने हेतु कावड का आयोजन किया गया था. इस दौरान सभी कावड आकर्षक रूप से सजाई गयी थी.
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