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Akola Muncipal Corporation:आखीर शहर के मध्यवर्ती भाग मे ८३ हजार चौ. फुट जगहपर मिला मनपा को कब्जा

Akola Muncipal Corporation:आखीर शहर के मध्यवर्ती भाग मे ८३ हजार चौ. फुट जगहपर मिला मनपा को कब्जा

नागपूर हायकोर्ट का आदेश, मनपा द्वारा जगह कब्जे मे लेने की प्रक्रिया आरंभ
अकोला - विगत ६२ वर्षोे से मनपा के मालकी की  ८३ हजार चौरस फुट जगह पर अवैध कब्जा प्रकरण मे  मुंबई हायकोर्ट के नागपूर बेंच ने यह जगह मनपा के कब्जे मे देने का  आदेश पारित किया है। इस आदेश से शहर के मध्यवर्ती परिसर मे अहम जगह पर मनपा को मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मनपा की ओर से कब्जे मे लेने हेतू प्रक्रिया शुरू हो गई है। शहर मे मनपा के मालकी की कई जगह है जिसमे कई जगहो पर अवैध कब्जा किया गया है।
जिसमे व्यापार व्यवसाय के साथ  निवासी भाग होने से यह जगह लेने हेतू मनपा को बाधाओं का सामना करना पड रहा था। तथा कुछ जगहो को नागरीको को लीज पट्टेपर दी गई थी। उसकी लीज खत्म होने के बाद भी रिनिव्ह ना करते हुए  परस्पर अवैध रूप से बेची गई। जिसमे से  चार जिन परिसर के  ८३ हजार चौरस फुट जगहपर अवैध रूप से कब्जा किया गया था।
इस सबंध मे तपसिलवार जानकारी इसप्रकार के,  दगडी पुल के समीप चार जीन कंपाऊंड परिसर मे मनपा के मालकी की  ८३ हजार चौरसफुट जगह १९३१ को गणेशदास गुलाबचंद इन्होंने तत्कालीन नगरपालिका से ३० वर्ष के लिए लिजपर दी गई थी। यह लिज १९६१ खत्म हो गई। लीज खत्म होने के बाद भी नगरपालिका द्वारा जगह  को कब्जे मे नही लिया तथा  गणेशचंद गुलाबचंद इन्होंने लीज बढाकर ना लेते हुए इस जगह को तोष्णीवाल परिवार को  हॅन्डओव्हर की।

इस जगह की ओर कई  वर्ष नजर अंदाज करने के बाद १९८०  मे यह जगह कब्जे मे लेने का प्रयास नगर पालिका ने किया विंâतू फिर यह प्रकरण पेंडीग रह गया। विंâतू २००९ वर्ष मे  तत्कालीन आयुक्त गिरिधर कुर्वे ने महापालिका अधिनियम ८१-(ब) अनुसार तोष्णीवाल इन्हें  नोटीस भेजकर  एक माह के भितर जगह को कब्जे मे देने की सुचना की। आयुक्त की इस  नोटीस को  लेकर तोष्णीवाल द्वारा  अकोला जिला  न्यायालय मे याचिका दायर की गई। अकोला जिल्हा न्यायालय द्वारा मनपा के ओर से निर्णय दिया। विंâतू  तोष्णीवाल इन्होंने  इस फैसले को नागपुर नागपूर हायकोर्ट मे  चुनौती दी। २०११ मे नागपूर  हायकोर्ट द्वारा मनपा की ओर से फैसला दिया गया। 

इस फैसले के बाद  तोष्णीवाल इन्होंने हायकोर्ट मे  लेटर्स पेटेन्ट अपिल दायर किया। इस अपिल पर  हायकोर्ट द्वारा फिर एकबार सुनवाई करने का आदेश दिया।  अकोला जिला कोर्ट ने फिर मनपा की ओर फैसल लिया है। तोष्णीवाल इन्होंने फिर से   हायकोर्ट मे चुनौती दी। हायकोर्ट मे पुरी सुनवाई के बाद   न्यायधीश  अमित बोरकर ने २३ अगस्त २०२२ को यह जगहर मनपा के कब्जे मे देने का आदेश दिया। तथा उक्त जगह संबंध मे  तोष्णीवाल इनके पास  थकीत रहनेवाला  जमीन भाडा भी वसुल करने के आदेश दिया है। इस प्रकरण मे मनपा की ओर से पैरवी अ‍ॅड.समीर सोहोनी, अ‍ॅड.सुकृत सोहोनी ने रखी।न्यायलय के आदेश अनुसार मनपा की जगह को कब्जे मे लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

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