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अब शिक्षकों को शाला में लगाना होंगा अपना A4 साईज़ फोटो

अब शिक्षकों को शाला में लगाना होंगा अपना  A4 साईज़ फोटो
अकोला - अब शिक्षकों की ए फोर साईज़ फोटो क्लास रूम में लगाना होंगा इसी के साथ सभी सरकारी शालाओं और कॉलेजों में बायोमेट्रिक द्वारा शिक्षकों की भी हाज़री लगानी होंगी।२४ जुलाई २०२२ को नई दिल्ली में सीएमएस डीसीएम की बैठक में ये निर्णय लिया गया है।इस आदेश के पत्र पर २५ अगस्त २०२२ को शिक्षण उपसंचालक कार्यालय अमरावती विभाग द्वारा अमरावती, अकोला, वाशिम, यवतमाल,और बुलढाणा के शिक्षणाधिकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक को पत्र द्वारा निर्देश दिया गया के तत्काल इस आदेश पर अमल किया जाए।२४ जुलाई २०२२ को नई दिल्ली में सीएमएस डीसीएम की बैठक में 'एक्शन पॉइंट' के माध्यम से 'हमारे गरुजी' इस नाम से शाला के क्लास रूम में शिक्षक की फ़ोटो लगन अनिवार्य किया है।दरसल ये निर्णय लेने का विशेष उद्देश उन शिक्षकों के लिए है जो अपने कार्य को ईमानदारी से नही कर रहे है और ऐसे शिक्षकों को लगाम लगाना भी ज़ुरूरी था, जो कामचोर है।

कुछ ऐसे शिक्षक है जो अपनी जगह दुसरो को ठेके पर रखते है।और विद्यार्थियों का भविष्य उन के हाथो मे दे देते।अब ऐसे शिक्षकों की होशियारी तत्काल पकड़ी जाएगी। दरअसल,अब शिक्षकों की फोटो समेत आधार अपडेट और बायोमेट्रिक मशीन द्वारा हाज़री लेने का निर्माण लिया गया है पूरी जानकारी स्कूल के सूचना बोर्ड पर चस्पा की जाएगी।सरकार को लगातार यह शिकायतें मिल रही थी के कुछ शिक्षक अपनी जगह पर दूसरे लोगों को स्कूल भेज रहे हैं।

 ये लोग ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसके एवज में शिक्षक इन लोगों को अपने वेतन में से कुछ राशि देते हैं।ऐसे शिक्षकों के कारण ही स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता गिरती जा रही है। कई राज्यो में पिछले दिनों ऐसे प्राक्सी टीचरों की खोजबीन करने का आदेश जारी हुए थे। जांच के लिए जिला शिक्षा विभाग ने एक टीम बनाई थी, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी थी। शिक्षण विभाग ने बीते 8 जुलाई को एक और आदेश जारी किया है, जिसमें प्राक्सी टीचरों को लेकर चिंता जाहिर की गई है। प्राक्सी टीचरों पर लगाम कसने के लिए शासन ने गाइड लाइन जारी की है, जिसके मुताबिक सभी स्कूलों के सूचना बोर्ड में वहां पदस्थ टीचरों की फोटो,नियुक्ति दिनांक,नाम,पता आदि चस्पा करने होंगे,ताकि यह पता चल सके कि किस स्कूल में कितने और कौन-कौन शिक्षक पदस्थ हैं।इससे यह पता लगाने में आसानी होगी कि जो शिक्षक वहां पढ़ाने आ रहे हैं, वो वही है या फिर वह किसी और को भेज रहा है।

आखिर शिक्षक संघटनाए क्यों कर रही विरोध?
शाला में शिक्षक की फ़ोटो लगाने के आदेश का पालक वर्ग स्वागत कर रहा है वहीं कुछ शिक्षक संघटनाए इस का विरोध करने की जानकारी सामने आ रही है।विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार कुछ शिक्षक संघटनाए चाहती है कि इस आदेश को रद्द किया जाना चाहिए।अब देखना ये है कि इस आदेश पर अमल कब तक किया जाएगा


अकोला ज़िले में भी चल रहे ठेके पर शिक्षक...
ज़िले के कई ज़िला परिषद एवं महानगर पालिका शालाओं में भी कई शिक्षक ऐसे है जो अपना कार्य ज़िम्मेदारी से नही कर रहे है।इन शिक्षकों की जगह तीन तीन हज़ार रुपए में कार्य करने वाले व्हो लोक है जिन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की और उन्हें नोकरी नही मिली ऐसे लोक इन शिक्षकों का कार्य कर रहे है।वक्त रहते इन पर नकेल कसने की जरूरत है।





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