विकृतीकरण नष्ट करने हेतू रामदेवबाबा का अवतार-पु शास्त्री
अकोला-सामाजिक विकृती को समूल नष्ट करने हेतू ही रामदेवबाबा का अवतार हुवा हैं.इसी परिपेक्ष मे उन्होंने
भैरव नामक राक्षस के आतंक से समाज को मुक्ती दिलायी हैं.यह दृष्टांत ही उनके जगत कृपा का परिचायक होने का हितोपदेश पु आचार्य श्यामदेव शास्त्री ने किया.स्थानीय गीता नगर के रामदेवबाबा शामबाबा मंदिर मे मंदिर मे चल रहे आचार्य श्यामदेव शास्त्री के रामदेवबाबा कथा के पंचम सत्र मे पु शास्त्री ने रामदेवबाबा के पिता महाराज अजमलजी,माता
मैनादे,बडा भाई बिरमदेव,बहन सगुना व लाछा की परिवारिक कथा विशद की. भगवान रामदेवबाबा ने अपने माता को अपने बालक अवस्था मे ही प्रथम दृष्टांत देने की बात पू.शास्त्री ने कही.इस सत्र में पाच वर्षीय बालक रामदेवबाबा के घोडे की कथा सुनायी. सत्र के उत्तरार्ध मे उन्होने भैरव राक्षस की गाथा प्रतिपादित की.राक्षस एवं देव यह कर्म का परिपाक है. कर्म से ही कोई राक्षसी गुणवाला अथवा कोई दैवी गुणवाला होता है. जो सद्गुणी है,वह देव है, और जो अनैतिक एवं दृष्ट कार्य मे मग्न हैं वह राक्षस हैं.साधारण भैरवनाथ अपने अनैतिक गुणो के कारण ही भैरव राक्षस बना, जिसका संहार सात वर्षीय बालक रामदेव बाबा ने कर उसका उद्धार किया. यह उद्धार रामदेव बाबा ने अपने गुरुदेव की कृपा से किया है.अता सद्गुरु यह जीवन के पथप्रदर्शक होते है. इसलिये भगवंत प्राप्ती हेतू सद्गुरु को जोडणे का आवाहन उन्होने इस सत्र मे किया.कथा मे प्रख्यात जुम्मा गायक विक्की ब्यावत के संगीतमय भजनो से भक्तगण झूम रहे है.ब्यावत एक से बढकर एक भजन कथा के दौरान प्रस्तुत कर कथा मे भक्तीभाव निर्माण कर रहे हैं.
इस भजनो मे कथा श्रवण करने आयी सौ विमला खोजा,बालक श्याम खोजा एवं बालिका खुशी ने अद्भुत नृत्य कर भक्तीभाव निर्माण किया.सत्र का प्रारंभ मुख्य यजमान नेहा पल्स के संतोष नथमल गोयनका,सौ पुष्पा गोयनका, तुषार गोयनका के पूजाविधी से हुवा.पं प्रतापदासजी शास्त्री,एवं वर्धा के भक्त कोठारी के सानिध्य मे आयोजित इस कथा मे पं राघव द्विवेदी ने इस विधी को साकार किया.दि 5 सप्टेंबर तक नित्य दोप 3 से साय 6 तक चलनेवाली इस अद्भुत कथा का बडी संख्या मे लाभ लेने का आवाहन रामदेवबाबा-शामबाबा सेवा समिती के समस्त पदाधिकारीयो ने किया.
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