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एकविरा मल्टीपर्पज फाउंडेशन के निमा कर्णबधिर कार्यशाला को भारी प्रतिसाद

एकविरा मल्टीपर्पज फाउंडेशन के निमा कर्णबधिर कार्यशाला को भारी प्रतिसाद
 अकोला- कर्णबधीरता यह अदृश्य तथा दुधारी अपंगत्व होकर इससे श्रवणशक्ती मे बाधा निर्माण होती हैं.इससे बोलचाल एवं भाषा के विकास को लगाम लगता हैं.कर्णबधिर व्यक्ती का शैक्षिक विकास रुककर उसे दुःख मे जीवन बिताना पडता हैं. मात्र निरंतर श्रवण संदर्भ के चिकित्सा एवं उपचार से कर्णबधिरता से ग्रस्त बच्चे भी सामान्यजन जैसे बोल सकते हैं.ऐसी जानकारी विगत 15 वर्ष से कर्णबधिर बालको के सुप्त गुणो को विकसित करने अनेक शैक्षिक उपक्रमो को साकार करनेवाली जठारपेठ के ज्योती नगर परिसर की एकविरा मल्टीपर्पज फाउंडेशन के बालविकास केंद्र की ओरसे आयोजित निमा के वैद्यकीय वर्ग हेतू कर्णबधिरता का शीघ्र निदान एवं उपचार इस विषय के कार्यशाला मे दी गयी.स्थानीय सेंट्रल प्लाझा सभागृह मे संपन्न हुये इस कार्यशाला मे प्रमुख अतिथी के रूप मे रलातो आयुर्वेदिक महाविद्यालय के डॉ.आशुतोष कुलकर्णी, रलातो आयुर्वेदिक महा.के प्रा डॉ रवी आईलानी, ताराचंद रामनाथ सेवा ट्रस्ट पुणे की श्रीमती अरुणा लोहिया,निमा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. पंकज गुप्ता,सचिव डॉ.बेलूरकर,एकविरा मल्टीपर्पज फाउंडेशन के संस्थापक श्रीकांत बनसोड,श्रवण,पठण एवं भाषा तज्ञ मोनिका तडस आदी उपस्थित थे.इस कार्यशाला मे श्रवण एवं भाषा तज्ञ मोनिका तडस ने पॉवर पॉईंट द्वारा बच्चे के जन्म से आनेवाले कर्णबधिरता पर व्याख्यान प्रस्तुत किया.बच्चे के जन्म से ही उसके क्रियाकलापो से उसके कर्ण बधीरता की पहचान होती हैं.इस हेतू प्रथम ओएई यह श्रवण जाच अत्यावश्यक हैं.
इस के बाद की बेरा व अन्य श्रवण जाच की जाती हैं.इसमे श्रवण हानी दिखते ही उम्र के तिसरे सप्ताह मे ही बालक को उसके स्तर नुसार श्रवण यंत्र बिठा सकते हैं.योग्य प्रशिक्षण उपलब्ध होते ही कर्णबधिर बालक उनके उमर नुसार सामान्य बालक समान भाषा एवं वाणी अवगत कर शैक्षिक प्रगती कर  सामान्य बालक समान रह सकने की जानकारी इस समय दी गयी.इस समय उपस्थित वैद्यकीय वर्ग ने पुछे  गये प्रश्नो का निरसन कर उपयुक्त जानकारी पॉवर पॉईंटद्वारा प्रस्तुत की गयी.कार्यशाला मे इस विषयपर उत्कृष्ट चित्रफित दिखाई गयी.कार्यक्रम मे एकविरा मल्टीपर्पज फाउंडेशन के संस्थापक श्रीकांत बनसोड ने फाउंडेशन के कर्णबधीरता उपक्रम की जानकारी दी.कर्णबधिर व्यक्तीयो के शैक्षिक एवं सामाजिक विकासपर फाउंडेशन ने चलाये बालविकास विशेष प्रकल्प के अंतर्गत आजतक 118 बालक सामान्य स्कुल मे जाकर विविध स्पर्धा परीक्षा मे सहभागी होकर यश संपादन कर रहे हैं.संस्था की ओरसे नवजात शिशु से लेकर पाच वर्ष तक के बालको के लिये वैभव अशोक चॅरिटी फाउंडेशन मुंबई के सौजन्य से मुफत श्रवण जाच प्रकल्प साकार किया गया हैं. पालकवर्ग ने इस उपक्रम का लाभ लेने का आवाहन संस्था की संस्थापिका सुचिता बनसोड ने किया. कार्यशाला मे कर्णबधीरता से ठीक हुयी पूर्व बरी विद्यार्थीनी कु. वैष्णवी नवलखे ने अपना मनोगत व्यक्त किया.एवं हर्ष व हितेश इस बालको ने अथर्वशीर्ष गाकर कर्णबधिरता ठीक होने का संकेत दिया.एकविरा के बालविकास प्रकल्प की पहचान सारिका कांडलकर ने. संचालन संस्था की विशेष शिक्षिका सौ योगिता बोधडे ने किया.इस कार्यशाला मे निमा के पदाधिकारी, वैद्यकीय वर्ग व एकविरा मल्टीपर्पज फाउंडेशन की शिक्षिकाये उपस्थित थी.

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