राज्य की प्रलंबित भरती प्रक्रिया की कारवाई हेतू सेव्ह मेरिट ने भेजा मुख्यमंत्री को निवेदन
अकोला--दि.५ मई २०२१ को सर्वोच्च न्यायालय ने मराठा आरक्षण कानुन २०१८ निरस्त करने से शैक्षीक प्रवेश एव शासकीय सेवांओ मे बहाल किये मराठा आरक्षण रद्द हूवा हैं.अंतरिम स्थगिती आदेश के पूर्व ९ सप्टेंबर २०२१ के पूर्व मराठा आरक्षण देकर परिपूर्ण प्रवेश एव नियुक्तीया कायम रहेगी.सर्वोच्च न्यायालय मे मराठा आरक्षण रद्द होने के बाद राज्य की प्रलंबित भरती प्रक्रिया हेतू अपेक्षित कार्यवाही करने की मांग सेव्ह मेरिट सेव्ह नेशननेे मुख्यमंत्री को निवेदन भेजकर की हैं.चयन निवड प्रक्रिया यह नियुक्ती न होकर चयान सूची मे नाम होने से उस उम्मीद्वार का कोई भी अधिकार निर्माण नही होता .सर्वोच्च न्यायालय ने केवल प्रवेश एव नियुकती कायम की हैं. चयन प्रक्रिया संदर्भ मे दि.५ मई के निकालपत्र मे कुछ भी उल्लेख न होने की बात सेव्ह मेरिटने निवेदन मे कही हैं. मुंबई उच्च न्यायालय मे राज्य शासन ने अंडर टेकिंग दिया कि,मराठा आरक्षण देकर शूरू की गयी भरती प्रक्रिया न्यायालय के अंतिम निर्णय पर निर्भर हैं. मराठा आरक्षण रद्द के बाद अनिश्चितता समाप्त होकर राज्य की भरती प्रक्रिया तुरंत शुरू करना आवश्यक हैं.इस के बाद भरती प्रक्रिया मे विलंब, लेटलतिफी नही चलेंगी.कोरोना से स्वास्थ विभाग की भरती फौरन करना अत्यावश्यक हैं ऐसा निवेदन मे कहा गया.राज्य शासन ने कोई भी पुनर्विचार याचिका दाखल करना,राष्ट्रपती एव प्रधानमंत्री द्वारा अपेक्षित कारवाही होना,नया पिछडा आयोग गठित करना,मराठा जाती को ओबीसी घोषित करना आदी मार्ग स्वीकार किये तो भी मराठा आरक्षण कानुन २०१८ एव उस के द्वारा बहाल किया आरक्षण अब लागू नही हो सकता.इस कानुन द्वारा दिया गया १३ प्रतिशत आरक्षण ९ सप्टेंबर २०२० को स्थगित किया गया था.वह ५ सप्टेंबर २०२१ को पूर्णतया समाप्त होने की बात सेव्ह मेरिट ने स्पष्ट की.सेव्ह मेरिट ने अपने निवेदन मे ईडब्लूएस कानुन लागू होनेपर जो भरती प्रक्रिया प्रारंभ हुयी, उसमे मराठा उम्मिद्वारो को ईडब्ल्यूएस का लाभ मिले इस हेतू आवश्यक शासन आदेश पारित करे,सभी एसईबीसी सूची रद्द की गयी है,इसलिये मराठा जाती के आरक्षित पद गुणवत्ता नुसार भरने की घोषणा करे,सभी विभाग को इस संदर्भ मे कारवाही करने के आदेश दे,सभी विभाग को एसईबीसी के १३ प्रतिशत पद समाविष्ट कर ओपन प्रवर्ग की नयी सूची जाहीर करे,सभी विभाग ने ईडब्लूएस की पात्रता निकष मे बैठनेवाले मराठा उम्मिद्वारो की ईडब्लूएस सूची नये सिरे से तयार करे,जिस चयन प्रक्रिया की मुख्य परीक्षा हुयी उनके मुख्य परीक्षा के निकाल मे सुधार करे, जिन २१८५ मराठा उम्मिद्वारो के संदर्भ मे संघटन आग्रही हैं,उन्हे किसी भी नियम या कानुन के आरक्षण का लाभ नही मिल सकता.चयन सूची मे नाम होना अर्थात नियुक्ती नही.सर्वोच्च न्यायालय ने केवल नियुक्ती कायम रखकर पात्र होने पर ऐसें उम्मिद्वारो को
ईडब्ल्यूएस का लाभ दे.आदीं मांग संघटन विधी
सलाहाकार ॲड श्रीरंंग चौधरी के मार्गदर्शन मे की गयी
सेव्ह मेरिट सेव्ह नेशन संघटन यह सभी मेधावी छात्र एव गुणवान उम्मिद्वारो का प्रतिनिधित्व करती हैं.राज्य मे केवल इष्ट, नियमानुसार एव कानुनी कार्य हो.अराजकता निर्माण न हो इस हेतू संघटन प्रयासरत होने की बात सेव्ह सेव्हट सेव्ह द नेशन की समन्वयक डॉ उत्पला मुळावकर ने निवेदन मे कही.
0 Comments