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निजी वाहनों समेत ट्रेव्हल्स शुरू...!फिर एसटी को ब्रेक क्यों, जनता कर रही सवाल

निजी वाहनों समेत ट्रेव्हल्स शुरू...!
फिर एसटी  को ब्रेक क्यों,  जनता कर रही सवाल
अकोला - महाराष्ट्र में दूसरी बार फिर से एसटी के पहिए थम जाने से तथा कोरोना का संक्रमण बढ़ने के कारण इसका खामियाजा व्यापारियों के साथ हजारों परिवार को भुगतना पड़ रहा है। राज्य परिवहन महामंडल पर भी इसका सिधा असर पड़ा है। पहले वर्ष मे कोरोना काल मे वेतन के लिए महामंडल के कर्मचारियों को  आंदोलन और एल्गार करना पड़ा था। उसके बाद टप्पे-टप्पे से उनको वेतन मिला था। इस बार भी यही परिस्थिति निर्माण हो गई है किंतु अब संख्या कम होने के बावजूद भी एसटी बस  अब तक शुरू नहीं हुई है। उनको ब्रेक लगा हुआ है। इसके विपरीत निजी ट्रेवल्स की लंबे पल्लों की गाड़ियां राज्य अंतर्गत एवं राज्य के बाहर भी उन्हें सहुलत दी गई है। किंतु एसटी महामंडल को क्यों नहीं दी जा रही ऐसा सवाल यात्रियों द्वारा पूछा जा रहा है। राज्य के अलग-अलग डेपो समेत जिले के डेपो में एसटी विगत 3 माह से रूटी हुई है। यात्रियों की यातायात बंद होने के कारण महामंडल के कर्मचारियों का वेतन का प्रश्न भी उपस्थित हुआ है। उत्पन्न शुन्य होने के कारण वेतन कैसा दिया जाएगा यह बड़ी समस्या अधिकारियों के सामने खड़ी हो गई है। इस बीच मार्च-अप्रैल और मई माह  के आरंभ में पॉजिटिव रहने वाले मरीजों में से बड़ी मात्रा  कमी होने लगी है।  इसमें अकोला अमरावती एवं पुणे मुंबई शहर से निजी लग्जरी ट्रैवल्स बिंदास दौड़ती नजर आ रही है। इसवक्त किसी भी प्रकार के नियमो का पालन नहीं किया जा रहा है।   यात्रियों की मर्यादित संख्या की और भी अनदेखा किया जा रहा है।कोरोना  निर्बंधो का उल्लंघन करके  यातायात कि जा रही है अगर निजी ट्रेवल्स को यात्रियों की यातायात की अनुमति मिल सकती है तो एसटी महामंडल को क्यों नहीं ऐसा सवाल यात्रियों द्वारा उपस्थित हो रहा है। एसटी महामंडल द्वारा सीधे बसों को आरंभ किया गया तो, उत्पन्न मिल  सकता है व कर्मचारियों की वेतन भी हो सकती हैं। कोरोना लॉकडाउन का बहाना करके निजी ट्रैवल्स एवं अन्य वाहन यात्रियों को सरेआम लूट रहे है।  अगर एसटी महामंडल द्वारा बसों को आरंभ किया गया तो यात्रियों की होने वाली लूट से वह बच पाएंगे नागरिकों का कहना है कि महामंडल द्वारा कोरोना नियमों का पालन करते हुए तत्काल बसों को आरंभ किया जाए। ऐसी मांग यात्री कर रहे हैं।

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