पश्चिम विदर्भ के माथाडी कामगारवर्ग को न्याय देने की सपकाल की गूहार
अकोला-पश्चिम विदर्भ मे माथाडी कामगारो की इस भीषण करोना संकट मे समस्याये बढ गयी है.पश्चिम विदर्भ के पाच जिलो के संघटित एव असंघटित माथाडी कामगारो की समस्याये तुरंत दूर कर उन्हे राहत देकर योजनाये लागू करने की मांग भाजप कामगार नेता देवेंद्र सपकालने अण्णासाहेब पाटील आर्थिक महामंडक के पूर्व अध्यक्ष एव ज्येष्ठ माथाडी नेता नरेंद्र पाटील को निवेदन देकर की हैं. पश्चिम विदर्भ मे कुल ५६ तहसील एव तीस मतदार संघ मे ५५ कृषी उपज मंडी,७७ उपमंडीया होकर ७७६ दालमिल्स एव ३६५ तेलमिले हैं.तथा वखार,१६६० वेअर हाउसेस कार्यरत होकर ईसमे काम करनेवाले माथाडी कामगारो की संख्या २ लाख २६ हजार है. लेकीन इन माथाडी कामगार वर्ग को कोई भी शासन लाभ नही मिल रहा है.राज्य शासन ने पश्चिम विदर्भ मे माथाडी कामगारो की भीषण संख्या के बावजुद केवल दो संघटित एव असंघटित कामगार मंडल दिये हैं.इस दोनो महामंल के पास केवल दस से पंधरा हजार माथाडी कामगारो का पंजीयन होकर केवल उन्हे ही शासकीय योजना तथा सहुलीयत का लाभ मिल रहा है. इन मंडलो मे पंजियन न हुये कामगारवर्ग का शासकीय योजनाओ के अभाव से आर्थिक नुकसान होकर उनपर अन्याय हो रहा है.इस संदर्भे पहल कर राज्य के हमाल माथाडी कामगारो का 100 किलो वजन उठाने का नियम तत्कालीन कामगार मंत्री से चर्चा कर केवल 50 किलो करने का नया नियम बनाने का प्रयोग किया था.इस नियम का अमल यहा नही हो रहा है. पश्चिम विदर्भ के माथाडी कामगारो को अब भी सौ किलो का बोझा ढोना पड रहा हैं, जिससे उनके स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड रहा है. पश्चिम विदर्भ मे हो रहे इस अन्याय का संज्ञान लेकर पश्चिम विदर्भ के माथाडी कामगारो को न्याय देने की मांग सपकाल ने निवेदन मे की हैं.
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