दापुरा केंद्र की पहली ऑनलाइन शिक्षा परिषद का आयोजन
अकोला- हाल ही में समुह साधन केंद्र दापुरा की पहली ऑनलाइन शिक्षा परिषद का आयोजन किया गया। शिक्षा परिषद की परिचयात्मक टिप्पणी केंद्र प्रमुख श्रीकृष्ण गावंडे ने की। राजेंद्र पटोले ने सेतु पाठ्यक्रम के कार्यान्वयन, उसके उद्देश्यों और उसकी पृष्ठभूमि पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। उन्होंने अपने मार्गदर्शन में कहा कि सेतु बच्चों को शिक्षा की धारा में लाने का सेतु है। जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान द्वारा दिए गए समय सारिणी के अनुसार मराठी और अंग्रेजी में सेतु पाठ्यक्रम को कब लागू करना है, अध्ययन परिणाम, इसके लिए अध्ययन अनुभव आदि पर पूरी चर्चा कर शिक्षकों के मन की उलझन को दूर किया गया। नरेश तायडे और विषय शिक्षक रामगाँव ने समझाया कि गणित और सामाजिक विज्ञान में सेतु पाठ्यक्रम को कैसे पूरा किया जाए और इसके लिए अध्ययन के अनुभव का चयन कैसे किया जाए। उन्होंने समझाया कि सेतु पाठ्यक्रम के चरण कैसे है। मैडम सविता खिलारे ने समझाया कि बच्चों से विज्ञान विषय का सेतु पाठ्यक्रम कैसे पूरा किया जाए। एक बच्चे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण कैसे पैदा करें। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र का चयन कैसे करें और इसके लिए अध्ययन के अनुभवों को कैसे संयोजित किया जाए, इस पर क्षेत्रवार मार्गदर्शन दिया। श्रीकृष्ण गावंडे ने परीक्षण रिकॉर्ड, दैनिक अध्ययन, शिक्षण रिकॉर्ड कैसे रखें, इस पर विस्तार से चर्चा करके सभी की शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने सभी से सेतु पाठ्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने की अपील की। इस प्रथम शिक्षा परिषद के मार्गदर्शन में सभी शिक्षकों को सेतु पाठ्यक्रम को क्रियान्वित करने के संबंध में मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। शिक्षा परिषद के लिए जिला परिषद केंद्र के निजी स्कूलों के सभी शिक्षक शिक्षकों के साथ मौजूद थे. पेठे, अनीस, सोलंकी, भदे, पांडे, वरिष्ठ शिक्षक आशाताई पिसे पाटिल इनके साथही बीआरसी के अर्चनाताई भगत, दुर्गा सोळंके, एवं केंद्र के 50 शिक्षक शिक्षा परिषद मे सहभाग दर्शाया। पहलीही शिक्षा परिषद शैक्षणिक सत्र के लिए मार्गदर्शक रही। आभार प्रदर्शन के साथ परिषद समाप्त किया गया।
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