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समाज को मज़बूत, सभ्य और सक्षम बनाने के लिए दारुल युसरा सेंटर समय की अहम ज़रूरत - मौलाना उमरैन महफूज़ रहमानी

समाज को मज़बूत, सभ्य और सक्षम बनाने के लिए दारुल युसरा सेंटर समय की अहम ज़रूरत - मौलाना उमरैन महफूज़ रहमानी
अकोला-स्थानीय नगीना मस्जिद अकोला में गुरुवार को रात 9 बजे दारुल युसरा का उद्धघाटन समारोह आयोजित किया गया जिसमे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना उमरैन महफूज़ रहमानी मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित रहे साथ कार्यक्रम के अध्यक्ष मौलाना रहमतुल्लाह कासमी बुरहानपुर और मौलाना जमील सिद्दीकी साहब लखनऊ  ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई
मुल्क के बदले हुए हालात में मुस्लिम समाज बिगाड़ और टूट फूट का शिकार होकर संगीन मसाइल से दोचार है. जैसे दीनी शऊर की कमी, सही तालीम ओ तबीयत की कमी, मुस्लिम लड़कियों के इरतेदाद के तरफ बढ़ते कदम, आपसी तनाज़ात जैसे तमाम मसाइल के बेहतरीन हल के लिए शहर अकोला मे वहदत ए इस्लामी हिंद, अकोला द्वारा *दारुल-युसरा* का कयाम किया गया.इस सेंटर को मौलाना तुफैल अहमद नदवी और अकोला के प्रतिष्ठित उलेमा की निगरानी मे चलाया जाएगा.
कार्यक्रम का आरंभ कारी मसूद साहब ने पवित्र कुरान पाठ से किया. वहदत ए इस्लामी का परिचय बिस्मिल्लाह शेख साहब ने और दारुल युसरा का परिचय मौलाना तुफैल अहमद नदवी ने दिया.
उद्धघाटन समारोह मे बोलते हुए मौलाना जमील सिद्दीकी साहब लखनऊ ने कहा कि इस्लाम जीवन जीने के लिए Complete and Natural system of life है. मुसलमानो को सारी मानव जाती की भलाई के लिए भेजा गया है.
मुख्य वक्ता मौलाना उमरैन महफूज़ रहमानी मालेगांव ने कहा कि दारुल युसरा की शुरुआत सभ्य समाज बनाने की ओर अच्छा प्रयास है. उन्होंने कहा कि इस सेंटर को चलाने वाले पूरी मेहनत और लगन से काम करे. अपने काम में खुलूस लाए और दिखावे से बचे और सब लोगो को साथ लेकर काम करे. उन्होंने ये उम्मीद भी जताई कि ये सेंटर दूसरो को प्रेरणा प्रदान करेगा. उन्होंने मुसलमानो से आवाहन किया कि वह अपनी मूल शिक्षाओं की तरफ़ पलटे. आभार प्रदशन से इस कार्यक्रम का समापन हुआ
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में वहदत ए इस्लामी अकोला इकाई के सभी सदस्यों ने अंथक प्रयास किया.

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