इस कठिन समय में मुसलमानों को मजबूत ईमान और साबित कदम रहने की जरूरत-जनाब इलियास मोमिन पुणे
वहदत ए इस्लामी अकोला के वार्षिक सम्मेलन का शानदार आयोजन
अकोला-स्थानिक नगीना मस्जिद तेली पूरा मे वहदत ए इस्लामी अकोला के वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे इलियास मोमिन साहब पुणे, नासिर खान साहब अकोट, मौलाना मुजफ्फर अली साहब और मौलाना तुफैल अहमद नदवी प्रमुख अतिथि के रूप में मौजूद थे. यह प्रोग्राम हर साल वहदत इस्लामी अकोला द्वारा आयोजित किया जाता है इस प्रोग्राम की शुरुआत कुरान के दर्स से हुई जिसमें काशिफ जमाल खान में कहां के इस्लाम जीवन गुजारने का सत्य मार्ग है और अल्लाह सारे क़ानून बनाने वाला है जिस में पूरी इंसानियत की भलाई है.और हमें हजरत मोहम्मद स.अ के मिशन को मुकम्मल करने की जरूरत है.
मौलाना तुफैल अहमद नदवी ने कहा कि आपस में भेद भाव और विवाद करने से हम कमजोर हो रहे हैं और हमारी हवा उखड़ रही है. इस कठिन समय में हमें एकता के साथ रहने की जरूरत है ताकि हम हमारी समस्याओं को आसानी से हल कर सके.
खुत्बा ए जुमा में इलियास मोमिन साहब ने आइंदा नस्लों को जदीद चैलेंजेस पर अपने विचार व्यक्त किए दूसरे सेशन में मौलवी मुजफ्फर अली साहब ने दर्स ए हदीस जन्नत की नेमतों पर बात की. इस कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता जनाब इलियास मोमिन साहब ने दुनिया के बदलते हुए हालात और हमारी जिम्मेदारियां पर कहा की इस कठिन समय में मुसलमानों को मजबूती इमान और साबित कदम रहने की जरूरत है. उन्होंने भारत के मुसलमानों को सुझाव दिया कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि हजरत मोहम्मद स.अ की बशारतें हमारे लिए उम्मीद की किरण है. और हमारा इस बात पर ईमान है कि जो बात हजरत मोहम्मद स.अ ने कही है वह पूरी होकर रहेगी. नासिर खान साहब ने कहा कि इस दुनिया की जिंदगी सिर्फ थोड़े समय के लिए है. हमें मरने के बाद की जिंदगी यानी आखेरत पर ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि अल्लाह ने पवित्र कुरान में कहा है, कि जिसने थोड़ी सी भी निकी की होगी वह उसे देख लेगा और जिसने थोड़ी सी भी बुराई की होगी वह उसे देख लेगा. आखिर में मौलवी मुजफ्फर अली साहब की दुआ पर इस प्रोग्राम का समापन हुआ.
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