अब अकोला के दुकानों के नाम फलक भी मराठी में अनिवार्य
अकोला- दुकानों के नाम फलक मराठी भाषा में अनिवार्य होने की तरतूद महाराष्ट्र दुकान एवं आस्थापना ( नौकरी के एवं सेवाशर्त के विनीयमन) अधिनियम 2017 में किए गए हैं। तथा नाम फलक मराठी भाषा एवं देवनागरी लिपि में होने के साथ ही मराठी अक्षरों का फोंट अन्य भाषा के फोंट से ज्यादा आकर मैं छोटा नहीं होना चाहिए। तथा जो दुकानों में शराब मुहोया की जाती है एवं बेची जाती है ऐसी दुकानों में अपने नाम पलकों पर महान व्यक्तियों के अथवा गढ़ किल्लो के नाम नहीं लिखे जाएंगे ऐसी सुधारना महाराष्ट्र दुकाने व आस्थापना अधिनियम 2017 में की गई है। ऐसी जानकारी सहायक कामगार आयुक्त राजू दे. गुल्हाने ने दी है।
इस संदर्भ में प्रसिद्धि पत्रक में दिए गए पत्रक में कहा गया है कि हर दुकान में नाम फलक मराठी में रहना अनिवार्य है। इस प्रकार की सिफारिश महाराष्ट्र दुकान व आस्थापना अधिनियम 2017 में किए गई है। उसके अनुसार कलम 7 अंतर्गत जो आस्थापनाओ में 10 से कम कामगार है तथा कलम 36 क (1) अनुसार पंजीयन किए ऐसे सभी आस्थापनाओं को अपनी स्थापना का नाम फलक देवनागरी लिपि मराठी भाषा में हो, ऐसे आस्थापना नियोक्ता के पास देवनागरी लिपि के मराठी भाषा के बजाय अन्य किसी भी प्रकार की भाषा व लिपि का नामफलक भी हो सकता है। किंतु मराठी भाषा अक्षर लेखन नाम पर आरंभ में लिखना आवश्यक है। मराठी भाषा अक्षरों का फोंट आकार में छोटा नहीं रहे इसकी खबरदारी तथा जो आस्थापना में शराब की बिक्री की जाती है। ऐसी दुकानों में उनके नाम पर महान व्यक्तियों के नाम नहीं लिखे जाएंगे इस अधिनियम में किया गया है अकोला जिले की आस्थापना मालिकों ने उपरोक्त आदेश का पालन करें तथा स्तर दूध का बंद किए जाने पर संपत्ति मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ऐसा सहायक कामगार आयुक्त राजू दे गुल्हाने ने बताया।
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