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ईद-उल-अजहा पर अमन-चैन की दुआ के साथ उठे हजारों हाथ...!

ईद-उल-अजहा पर अमन-चैन की दुआ के साथ उठे हजारों हाथ....

पुराना शहर के ईदगाह मैदान, नायगांव समेत शहर की सभी प्रमुख मस्जिदों मे ईद-उल-अजहा की नमाज़
 
अकोला-अकोला जिला समेत पूरे देशभर में,ईद-उल अजहा,बकरीद का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बकरी ईद को लेकर पिछले कई दिनों से ही मुस्लिम भाईयों ने तैयारियां शुरु कर दी गई थी। बकरी ईद के त्योहार को कुर्बानी के दिन के रूप में भी याद किया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान के दो महीने बाद कुर्बानी का त्योहार बकरी ईद आता है।अकोला में पुराना शहर के ईदगाह मैदान पर ईद की नमाज अदा की गई। वहीं हरिहर पेठ पुराना शहर, नायगांव, अकोट फैल,खदान, मुस्लिम कब्रिस्तान मस्जिद, शिवनी की ईदगाह समेत जिले की सभी तहसीलों तथा बड़े गांवों में ईद की नमाज में मुस्लिम बांधवों ने शिरकत की। उसी के साथ पुराना शहर में स्थित ईदगाह में सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल राजिक अब्दुल रउफ द्वारा सभी देशवासियों को ईद उल अजहा की मुबारक पेश करते हुए देश में अमन और शांति कायम रहने हेतु त्यौहार को सादगी से मनाने की अपील की गई। तो कानून व्यवस्था का तगड़ा इंतजाम करने हेतु पुलिस प्रशासन का भी आभार माना। इसी के साथ नायगांव में समाज सेवक वह पूर्व नगर सेविका पुत्र जमीर भाई बर्तन वाले द्वारा नागरिकों को ईद की शुभकामनाएं दी गई। तथा ईदगाह पर पहुंचे सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की शुभकामनाएं दी गई।

आपको बता दें कि इस दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना ना घटे एवं कानून व्यवस्था कायम रहने हेतु सभी स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया था। सभी स्थानों पर अमन व भाईचारे के साथ नमाज अदा की गई।प्रमुख नमाज के दौरान ईदगाह पर सभी के लिए अमन, शांति तथा भाईचारे के लिए दुआ मांगी गई।ईद की नमाज से पूर्व निशान निकाला गया। जिसमें बैद बिरादरी का निशान शामिल रहा। जिसके ईदगाह पर पहुंचने के बाद ही बकरी ईद की प्रमुख नमाज अदा की गई। आपको बता दें मीठी ईद याने ईद-उल-फित्र के 70 दिन बाद बकरीद का त्योहार मुस्लिम बांधव मनाते है। यह कुर्बानी का त्योहार है। जो अल्लाह के प्रति समर्पण को दर्शाता है ईद-उल-अजहा को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। हजरत इब्राहिम ने अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे इस्माईल की कुर्बानी का प्रयास किया था। लेकिन खुदाने उनकी निष्ठा को देखते हुए कुर्बानी को दुबे (बकरा) की कुर्बानी के रूप में परिवर्तित कर दिया था।
रविवार सुबह 9 बजे निशान पहुंचने के बाद ईद-उल- अजहा की मुख्य नमाज अदा की गई। इस दौरान काजी से नाजीमोद्दीन ने दुवा की। जबकि गुलाम मुस्तफा ने नमाज अदा करवाई। काजी ओ खतीब से फैजानोद्दीन ने खुतबा पढ़ा। इस दौरान नामजियों की भारी भीड़ रही। रात बारिश होने के कारण सुबह बारिश का अंदेशा था लेकिन नमाज के दौरान हल्की धूप निकलने से माहोल खुशनुमा हो गया था। नमाज के बाद मुस्लिम बांधव एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारक बद देते नजर आए। नमाज के लिए ईदगाह पर मौजूद नन्हे बच्चों ने भी एक-दूसरे के गले लगकर खुशी का इजहार किया।  ईदगाह पर जिलाधिकारी नीमा अरोरा,जिला पुलिस अधीक्षक जी श्रीधर, अपर पुलिस अधीक्षक मोनिका राऊत,एसडीपीओ सुभाष दुधगांवकर,सिटी कोतवाली निरीक्षक चंद्रशेखर कडू,पुराना शहर के पुलिस निरीक्षक सेवानंद वानखडे, डाबकी रोड थाने के पुलिस निरीक्षक शिरीष खंडारे समेत शहर के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मैदान पर उपस्थित थे।

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