मुफ्ती ए बरार अब्दुल रशीद साहब की अलविदाई मे उमड़ा जनसैलाब
अकोला : स्थानीय ताजना पेठ परिसर निवासी मुफ्ती-ए-बरार मौलाना अब्दुल रशीद रज्वी कारंज्वी का रविवार, 20 नवंबर वृद्धावस्था के चलते निधन हो गया। जिसके बाद पूरे अकोला शहर समेत आसपास के परिसरों में गम की लहर फैल गई। तथा रात से ही उनके अनुयाई उनके अंतिम दीदार के लिए दारलूम पहुंच रहे थे। आपको बता दे की, उनके निधन के समय उनकी उम्र 88 साल थी। वाशिम जिले के कारंजा तहसील के रहने वाले मुफ्ती ए बरार अब्दुल रशीद साहब ने अपनी धार्मिक पढ़ाई मध्यप्रदेश के इन्दौर और उसके बाद उत्तर प्रदेश के बरेली शरीफ में पूरी की।
इसके बाद उन्होंने नागपुर के जामिया अरबिया मदरसा में धार्मिक गुरु का दायित्व निभाया। 55 साल पहले अकोला में आने के बाद उन्होंने यहां ताजना पेठ परिसर में दारुल उलूम अहल-ए-सुन्नत नामी अरबी मदरसे की शुरुआत की। इसी के साथ पिछले 55 सालों से उन्हीं की अगुवाई में हर साल जुलसू-ए-मोहम्मदी का आयोजन किया जाता रहा है। इस वर्ष उनका अंतिम जुलूस ए मोहम्मदी रहा जिसमें वह खुद घोडा बग्गी में सवार होकर संपूर्ण जुलूस में शामिल हुए। आपको बतादे की, अकोला शहर में हजारों मस्जिद एवं मदरसों की संग-ए-बुनियाद उन्हीं के मुबारक हाथों से रखी गई थी। बरेली शरीफ से उन्हें बरार के इलाके अकोला सहित अमरावती,बुलढाणा और वाशिम के लिए‘मुफ्ती' का दायित्व सौंपा गया था। उनके परिवार में पत्नी तथा एक बेटा एवं एक बेटी शामिल है।
आपको बता दें कि उन्हें दारलूम अहले सुन्नत मोहम्मद अली चौक से 12:00 बजे के करीब नागरिकों के दीदार के लिए अकोला क्रिकेट क्लब मैदान में लाया गया जहां पर सभी का दीदार कराने के बाद 3:00 के समीप उन की नमाजे जनाजा हजारों की उपस्थिति में पढ़ी गई। नमाजे जनाजा के बाद दुआ हुई व उन्हें सुपुर्द ए खाक करने के लिए एसीसी क्लब ग्राउंड से अग्रसेन चौक रेलवे स्टेशन चौक रेलवे पुल अकोट फैल तीन खंभा होते हुए पांच मोरी लाया गया जहां पर उनके चाहने वालों की उपस्थिति में मुफ्ती बरार अब्दुल रशीद साहब को सुपुर्द ए खाक किया गया। इस वक्त पुलिस प्रशासन का भी तगड़ा बंदोबस्त रहा। उसी तरह लोगों को ले जाने एवं लाने के लिए सुफ्फा स्कूल द्वारा बसे उपलब्ध कराई गई थी।
जगह-जगह पानी की व्यवस्था
मुफ्ती बरार अब्दुल रशीद साहब को अंतिम विदाई देने पहुंचे लोगों के लिए जगह जगह पानी की व्यवस्था की गई थी। जिसमें सिख समुदाय, मुस्लिम नौजवानों द्वारा अकोट फैल परिसर में पानि की व्यवस्था की गई थी।
पुलिस ने निभाया अहम रोल
अंतिम विदाई देने के लिए मुफ्ती साहब को पहुंचे लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसलिए पुलिस प्रशासन ने अहम रोल निभाया। जिसमें खासतौर से रामदासपेठ पुलिस, अकोट फाइल पुलिस यातायात विभाग ने पूर्ण अंतिम विदाई मार्ग पर सुरक्षा के साथ-साथ यातायात संबंधी अहम जिम्मेदारी निभाई।
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