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खंडेलवाल महाविद्यालय मे शूरु हुवा अनौपचारिक संस्कृत शिक्षा केंद्र

खंडेलवाल महाविद्यालय मे शूरु हुवा अनौपचारिक संस्कृत शिक्षा केंद्र
अकोला-स्थानीय जुन्या शहर के गीतादेवी खंडेलवाल इन्स्टिट्यूट ऑफ फार्मसी कॉलेज मे अनौपचारिक संस्कृत शिक्षा केंद्र प्रारंभ हुवा.इस केंद्र का प्रारंभ रविवार को बडे उत्साह के साथ किया गया. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से मान्यता प्राप्त एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के इस संस्कृत शिक्षा केंद्र मे संस्कृत पढनेवाले नागरिक विद्यार्थीयो को अनौपचारिक संस्कृत शिक्षा दी जायेगी.यह एक वर्षीय प्रमाणपत्र का पाठ्यक्रम रहेगा.रविवार को शिक्षण प्रसारक मंडल की अध्यक्षा ताराताई हातवळणे की अध्यक्षता मे संपन्न हुये इस केंद्र के प्रारंभ पर उद्घाटक के रूप मे पूर्व पालकमंत्री रणजीत पाटील उपस्थित थे.अतिथी के रूप मे समाजसेवी सौ रेखाताई खंडेलवाल,संस्कृत भारती की नगराध्यक्षा सुनंदाताई देसाई, संस्था सचिव गोपाल खंडेलवाल, केंद्र की केंद्राधिकारी आर्यप्रभा काळे,इस केंद्र के अध्यापक ब्रजेश पंडित आदी मान्यवर उपस्थित थे.संस्कृत भाषा मे सम्पन्न हुये इस कार्यक्रम का प्रारंभ अक्षया पुंडलिक,ज्योती जाजू,रूपा ठाकरे के स्वागत गीत एवं कविता वरघट के संस्कृत  गीत से हुवा. अतिथीयो का परिचय वृषाली जोशी ने दिया.अपने प्रास्ताविक मे केंद्राधिकारी आर्यप्रभा काळे ने इस अनौपचारिक संस्कृत शिक्षा केंद्र की उपयुक्तता प्रतिपादित कर संस्कृत के सर्वव्यापी प्रचार व प्रसार करने हेतू संस्कृत भारती की पहल से इस केंद्र का अन्य केंद्र समेत प्रारंभ करने की जानकारी दी.इस समय केंद्र की ओरसे डॉ रणजित पाटील का शाल श्रीफल देकर सत्कार किया गया.अपने मनोगत मे डॉ रणजीत पाटील ने संस्कृत भाषा यह समय की मांग होने की बात कहकर संस्कृत के संवर्धन हेतू सभी ने आगे आने का आवाहन किया. कार्यक्रम मे संस्था सचिव गोपाल खंडेलवाल ने अपने विचार व्यक्त कर संस्कृत भाषा की उपयुक्तता पर अपने विचार व्यक्त कर नागरिको ने इस पाठ्यक्रम का लाभ लेने का आवाहन किया.अध्यक्षीय मनोगत संस्था अध्यक्षा ताराताई हातवळणे ने कर आनेवाली पिढी के लिये संस्कृत उपयुक्त होकर संस्कृत मे संसार का ज्ञान हैं,इसलिये इसके पहल पर उन्होने जोर दिया .संचालन दीपक उगले व धनश्री लोणकर ने एवं आभार केंद्र के अध्यापक ब्रजेश पंडित ने माने. शांती मंत्र से इस  संस्कृत शिक्षा केंद्र के कार्यक्रम का समापन हुवा .इस समय केंद्र का अध्यापक वर्ग,अनौपचारिक शिक्षा के महिला,पुरुष,नागरिक बडी संख्या मे उपस्थित थे.

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