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Due to the readiness of the GRP police, the child got a new life: जीआरपी पुलिस की तत्परता से बालक को मिला नया जीवनदान, वीडियो

Due to the readiness of the GRP police, the child got a new life: जीआरपी पुलिस की तत्परता से बालक को मिला नया जीवनदान, वीडियो  
अकोला: रेलवे स्थानक  में कुछ दिनों पहले एक घटना सामने आई थी जिसमें एक महिला चलती ट्रेन की चपेट में आने से बाल बाल आरपीएफ पुलिस के जवान की तत्परता से बची थी अब दूसरी और घटना कुछ दिनों के बाद एक छोटे बच्चे के साथ हुई इस हादसे में जीआरपी के पुलिस अधिकारी व कर्मचारी ने कुछ समय में ट्रेन के नीचे फंसे बच्चे को बाहर निकल कर जीवन दिया । 6 दिसंबर को डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस  पर श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं । जिससे स्टेशन पर यात्रियो की काफी भीड़ होती है । प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जीआरपी की होती है , महिला पुलिस थाना निरीक्षक अर्चना गाढवे ने सभी अधिकारी व कर्मचारियों को सतर्कता बरतने के आदेश दिए थे ।  सोमवार की शाम प्लेटफार्म क्रमांक 1 पर शालीमार एक्सप्रेस आकर रुकी , यात्रियों को सुरक्षित ट्रेन में बैठने के दौरान पुलिस उपनिरीक्षक दिलीप जाधव व गोपाल सोलंकी को ज्ञात हुआ कि  ट्रेन के नीचे एक 4 वर्ष का बालक है ।  बालक को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए उनके पास केवल कुछ सेकंड का समय था , क्योंकि इस समय के पश्चात ट्रेन अपने अगले गंतव्य की ओर रवाना हो जाती है । 

ट्रेन के चालक को सूचना देने का भी समय न होने के कारण अधिकारी तथा कर्मचारी ने समय सूचकता का परिचय देते हुए बालक को काफी प्रयास के बाद बाहर निकाल लिया ।  ट्रेन जाने के पश्चात जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि उक्त बालक के माता पिता विकलांग है  माता-पिता के साथ ट्रेन से उतरने के लिए  प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने की बजाय वे दूसरी ओर उतर गए थे । बालक नासमझ होने  के कारण वह ट्रेन के नीचे चला गया था गनीमत रही कि पुलिस अधिकारी तथा कर्मचारी को बालक के नीचे होने की भनक लग गई थी। जीआरपी पुलिस द्वारा दिखाई गई तत्परता के चलते बच्चे की जान  बच गई  ।
 इसके बाद जीआरपी पुलिस की हर ओर से सराहना की जा 
रही है।


जीआरपी पुलिस ने नागरिकों से आह्वान की है के चलती ट्रेन से ना उतरे अथवा चलती ट्रेन से चढ़ना रेलवे लाइन को क्रॉसिंग करना ऐसी प्रक्रिया से बचे जो आपकी जान को धोखा निर्माण कर सकती है।

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